Sakarmak and Akarmak Kriya in Hindi | सम्पूर्ण जानकारी और इसके 10 उदाहरण

Sakarmak Kriya and Akarmak Kriya in Hindi | सम्पूर्ण जानकारी

Sakarmak and Akarmak Kriya in Hindi:- आज इस लेख में हमने सकर्मक और अकर्मक क्रियाओं के बारे में जानकारी दी है। हम जानते हैं कि कुछ छात्र इन बातों को नहीं जानते हैं और यह परीक्षा में पूछी जाने वाली एक महत्वपूर्ण भाषा है। इसलिए आपकी मदद के लिए हमने सकर्मक और अकर्मक क्रियाओं Sakarmak and Akarmak Kriya के बारे में पूरी जानकारी दी है।

Sakarmak and Akarmak Kriya in Hindi | सम्पूर्ण जानकारी और इसके 10 उदाहरण

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Sakarmak and Akarmak Kriya | सकर्मक क्रिया की परिभाषा

सकर्मक क्रिया वह क्रिया है जिसमें क्रिया की आवश्यकता हो अर्थात क्रिया के प्रयोग के बिना वाक्य का पूरा अर्थ स्पष्ट न हो उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जिस विषय में कर्ता, क्रिया और कर्म का समावेश हो, वह सकर्मक क्रिया है।

जैसा कि “रमेश ने सेब खाया”
इस वाक्य में “रमेश” कर्ता है, खाया हुआ क्रिया है, और सेब यहाँ कर्म है। इस वाक्य में तीनों का प्रयोग हुआ है, अतः यह सकर्मक क्रिया है।

Akarmak Kriya | अकर्मक क्रिया की परिभाषा

अकर्मक क्रिया, क्रिया का वह रूप है जिसमे क्रिया द्वारा किया गया कार्य कर्म पर न पड़कर कर्ता पर पड़ता हो, उसे अकर्मक क्रिया कहते है| जैसे की आप देख सकते है अकर्मक यहाँ कर्म की जरूरत नहीं है| अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जहा पर क्रिया और कर्ता में कर्म की उपस्थिति नहीं होती, वह अकर्मक क्रिया है|

जैसे की, ”लड़की चलती है” यहाँ इस वाक्य में चलती है क्रिया है और लड़की कर्ता है| इसलिए यह अकर्मक क्रिया है|

Sakarmak and Akarmak Kriya | सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर

सकर्मक क्रिया

1. सकर्मक क्रिया में कर्ता, क्रिया और कर्म तीनो उपस्थित होते है|

2. सकर्मक क्रिया में कर्ता द्वारा किये गए कार्य किसी अन्य वस्तु से प्रभावित होता है|

3. जैसे:- सुरेश खेलता है|

अकर्मक क्रिया 

1. अकर्मक क्रिया में कर्ता और क्रिया उपस्थित होती है, इसमें कर्म का प्रयोग नहीं होता|

2. अकर्मक क्रिया में कर्ता द्वारा किये गए कार्य किसी अन्य वस्तु से प्रभावित नहीं होता है|

3. जैसे:- सुरेश बॉल से खेलता है|

Sakarmak and Akarmak Kriya | सकर्मक क्रिया के प्रकार

सकर्मक क्रिया दो प्रकार की होती है, पूर्ण सकर्मक क्रिया और अपूर्ण सकर्मक क्रिया|

पूर्ण सकर्मक क्रिया:- सकर्मक क्रिया पूर्ण क्रिया का वह रूप है जिसमे कर्मवाचक शब्द के साथ किसी अन्य पूरक शब्द की आवश्यकता नहीं होती है| उसे पूर्ण सकर्मक क्रिया कहते है|

अपूर्ण सकर्मक क्रिया:- अपूर्ण सकर्मक क्रिया वह क्रिया है जिसमे क्रिया के साथ कर्मवाचक शब्द की आवश्यकता होती है, और साथ ही संज्ञा या विशेषण शब्द की आवश्यकता हो| उसे अपूर्ण सकर्मक क्रिया कहते है|

Akarmak Kriya | अकर्मक क्रिया के प्रकार

अकर्मक क्रिया दो प्रकार की होती है, अपूर्ण अकर्मक क्रिया और पूर्ण अकर्मक क्रिया|

अपूर्ण अकर्मक क्रिया:- अपूर्ण अकर्मक क्रिया, क्रिया का वह रूप है जिसमे कर्ता और क्रिया के साथ संज्ञा या विशेषण शब्द की आवश्यकता होती है| उसे अपूर्ण अकर्मक क्रिया कहते है|

पूर्ण अकर्मक क्रिया:- अपूर्ण अकर्मक क्रिया, क्रिया का वह रूप है जिसमे क्रिया के साथ कर्म या कोई पूर्ति शब्द या फिर पूरक शब्द की आवश्यकता नहीं होती है| उसे पूर्ण अकर्मक क्रिया कहते है|

Sakarmak and Akarmak Kriya | के उदहारण :
सकर्मक क्रिया 
  1. रमेश खाना खाता है।
  2. रीना फुटबॉल मैच खेलती है।
  3. बच्चे ने खिलौने तोड़ दिए।
  4. वह सायकिल से स्कूल जाती है।
  5. वह सड़क पर बहुत तेज दौड़ता है।
  6. मोहन चाय बनाता है|
  7. विजय साईकिल चलाता है|
  8. गणेश स्कूल जाता है|
  9. पिंकी हलवा बनाती है|
  10. राधा सफाई करेगी|
अकर्मक क्रिया 
  1. वह बहुत तेज दौड़ती है।
  2. वह दिन भर गाती रहती है।
  3. रमेश पढ़ता है।
  4. आकाश दिन भर खेलता रहता है।
  5. अखिलेश चिल्लाता रहता है।
  6. माया सारा दिन सोती रहती है।
  7. मेरे हाथ खुजलाते हैं।
  8. लड़का सोता है।
  9. गाड़ी दिखाई देती है।
  10. सूरज निकला।

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