पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi | जानिये महत्व और पर्यावरण संरक्षण के उपाय

पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi

(Environment) पर्यावरण पर निबंध:- इस आर्टिकल में हमने Environment के बारे में जानकारी दी है, पर्यावरण सुनने में, बोलने में, और लिखने में जितना आसान लगता है उतना ही यह बड़ा और गहरा है| प्रकृति से मिली पर्यावरण शक्तियों का अगर अंदाजा लगाया जाए तो पूरा जीवन भी कम है इसके लिए|

आप जानते ही है यह एक ऐसा विषय है जिसके लिए जितना पढ़ा जाए या लिखा जाए उतना कम है| मनुष्य, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे आदि सभी चीजे Environment से ही जीवित है| इस पुरे आर्टिकल में सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है|

पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi | जानिये महत्व और पर्यावरण संरक्षण के उपाय

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प्रस्तावना

पर्यावरण एक ऐसा चक्कर है, जिसमे सब चारो तरफ से घिरे हुए है| और इस पृथ्वी पर मौजूद मनुष्य, जीव-जन्तु, पशु-पक्षी, आदि जीवन जीने में मदद करता है| स्वच्छ पर्यावरण में ही व्यक्ति का विकास संभव है| हम सभी लोग Environment की वजह से ही ही स्वच्छ भोजन ग्रहण कर सकते है| इसलिए सभी को Environment का महत्व समझना चाहिए|

जैसे पेड़-पोधो से हमे ठंडी हवा मिलती है, कड़ी धुप में छाव मिलती है और प्यास लगने पर स्वच्छ पानी मिलता है, खेतो से अन्न प्राप्त होता है यह सब पर्यावरण का खेल है| जिस तरीके से सुबह, दोपहर, शाम और रात प्रकृति के नियम से होते हैं ठीक उसी तरह से पर्यावरण के भी कुछ अपने नियम होते हैं| Environment के बिना दुनिया का बनना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है|

पर्यावरण का अर्थ और पर्यावरण किसे कहते है?

पर्यावरण का अर्थ, पर्यावरण शब्द मुख्य रूप से दो शब्दों से मिलकर बना है, परि + आवरण | परि का अर्थ होता है चारो ओर, आवरण का अर्थ होता है ढका हुआ| मतलब जो हमे चारो ओर से घेरे हुए है|

जो भी कोई वस्तुए जो हमारे चारो ओर से घिरी हुई है, जैसे मनुष्य, पेड़-पौधे, जीव-जंतु, नदी, मिट्टी आदि उनके द्वारा जो भी क्रियाएं की जाती है| उसे पर्यावरण कहते है| दूसरी शब्दों में कहा जाए तो एक ऐसा वातावरण जो हमे चारो तरफ से घेरे हुए है, उसे पर्यावरण कहते है| Environment सामग्री और बल को संदर्भित करता है। Environment को उस वातावरण या स्थिति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें व्यक्ति, जीव या पौधे रहते हैं और अपने कार्य करते हैं।

Environment मानव के जीवन चक्र में एक प्रमुख भूमिका निभाता है क्योंकि हम सभी पर्यावरण पर सबसे अधिक निर्भर हैं। पर्यावरण में प्राकृतिक चीजों को पैदा करने और सुंदरता दिखाने की शक्ति है। Environment वह अवस्था है जिसमें कोई जीव जन्म लेता है, तब उसकी जीवन प्रक्रिया चलती रहती है और फिर एक समय आता है जब उसका अंत हो जाता है। यह जीवित जीवों की वृद्धि और विकास को प्रभावित करता है।

पर्यावरण कितने प्रकार के होते हैं?

पर्यावरण मुख्य रूप से चार प्रकार के होते है, प्राकृतिक पर्यावरण, मानव निर्मित पर्यावरण, भौतिक पर्यावरण और जैविक पर्यावरण इन्हे विस्तार में जानते है:-

प्राकृतिक (Environment):- प्राकृतिक पर्यावरण पर्यावरण का वह भाग होना चाहिए जो हमें प्रकृति से वरदान के रूप में प्राप्त हुआ है। मानव जीवन को प्रभावित करने वाली प्राकृतिक शक्तियाँ, प्रक्रियाएँ और तत्व प्राकृतिक वातावरण के साथ संयुक्त हैं। ये ही वे शक्तियाँ हैं जिनके द्वारा पृथ्वी पर विभिन्न वस्तुओं का जन्म होता है।

इनमें ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक दोनों तरह की चीजें मौजूद होती हैं। जैविक वस्तुओं में मनुष्य, पौधे, पशु, प्राकृतिक वनस्पति आदि आते हैं, जबकि अकार्बनिक वस्तुओं में जल, तापमान, वायु, तालाब, नदी, समुद्र, पर्वत, झील, वन, मरुस्थल, ऊर्जा, मिट्टी, अग्नि आते हैं। आदि शामिल हैं।

मानव निर्मित (Environment):- मानव निर्मित पर्यावरण में मनुष्य द्वारा बनाई गई चीजें शामिल हैं, जैसे शैक्षणिक संस्थान, बस्तियां, कारखाने, परिवहन के साधन, जंगल, उद्यान, श्मशान घाट, कब्रिस्तान, मनोरंजन स्थल आदि और भी बहुत कुछ। मनुष्य द्वारा अपनी शिक्षा और ज्ञान के बल पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सहायता से भौतिक पर्यावरण के साथ अंतःक्रिया द्वारा निर्मित पर्यावरण को मानव निर्मित पर्यावरण कहा जाता है।

भौतिक (Environment):- इस वातावरण में प्रकृति द्वारा निर्मित वस्तुओं पर प्रकृति का सीधा नियंत्रण होता है। इसमें किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप शामिल नहीं है। भौतिक वातावरण में जलमंडल, स्थलमंडल और वातावरण का अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा इसमें स्थलाकृति, जल निकाय, जलवायु, मिट्टी, चट्टान और खनिज आदि विषयों का भी अध्ययन किया जाता है।

जैविक (Environment):- जैविक पर्यावरण का अर्थ यह है की मानव और जीव-जन्तुओ ने मिलकर एक दूसरे की मदद से जैविक पर्यावरण का निर्माण किया है| मानव एक सामाजिक प्राणी है जिस वजह से वह सामाजिक, भौतिक तथा आर्थिक गतिविधियों से जुड़ा रहता है। और साथ ही इसमें जीव प्रणाली भी शामिल होते हैं। इन सभी के जो बीच संबंध होता है उसको जैविक पर्यावरण कहा जाता है। इसके अंतर्गत पेड़-पौधे, जीव-जन्तु, सूक्ष्म जीव, मानव आदि का अध्ययन शामिल है।

Importance Of Environment | महत्व

जैसा की हम सब जानते है, हर किसी के जीवन में Environment का बहुत महत्व है पर्यावरण से ही हम है| क्यूंकि पृथ्वी पर जीने के लिए Environment बहुत महत्वपूर्ण है, सभी मनुष्य, जीव-जंतु, प्राकृतिक, पेड़-पौधे, मौसम आदि यह सभी पर्यावरण के अंतर्गत आते है| पर्यावरण हमारे जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुए उपलब्ध कराता है|

आज हमे विज्ञान से तकनीकी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिला है जिसकी वजह से दुनिया में खूब विकास हुआ है| लकिन दूसरी तरफ इस विज्ञान के कारण पर्यावरण दूषित हो रहा है| आधुनिकीकरण, औद्योगीकरण और बढ़ती टेक्नोलॉजी के कारण प्रदूषण फैलता है| जिसे Environment पर गलत प्रभाव पढ़ रहा है|

कई लोग अपने स्वार्थ के लिए पेड़-पौधे की कटाई करते है, एवं प्राकृतिक संसाधनों साथ खिलवाड़ करते है| जिसके कारण Environment को काफी क्षति पहुंच रही है। यही नहीं केवल कुछ मानव निर्मित कारणों की वजह से वायुमंडल, जलमंडल आदि भी प्रभावित हो रहे हैं हमारी धरती का तापमान बढ़ रहा है और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या भी उत्पन्न हो रही है| जिसके कारण मनुष्य के स्वास्थ्य पर काफी खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है| इसलिए पर्यावरण के महत्व को समझते हुए हम सभी को अपने पर्यावरण को बचाने में सहयोग करना चाहिए।

Environment | संरक्षण के उपाय

1. व्यवसाय से निकलने वाले दूषित पदार्थ और धुएं का सही तरीके से निपटान करना चाहिए।

2. पर्यावरण की साफ़-सफाई पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

3. सभी को ज़्यदा से ज़्यदा पेड़-पौधे लगाने चाहिए।

4. पेड़ों की अंधाधुंध कटाई बंद होनी चाहिए|

5. बेहद जरूरत के समय ही वाहनों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

6. दूषित और जहरीले पदार्थों से निपटान के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए।

7. लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए जागरूकता फैलाई जानी चाहिए।

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