Diary Writing In Hindi | डायरी लेखन कैसे लिखे उदाहरण के साथ

Diary Writing In Hindi | डायरी लेखन कैसे लिखे 

Diary Writing In Hindi:- इस आर्टिकल में डायरी लेखन के बारे में बताया गया हैं, की Diary Writing कैसे लिखते है उसका फॉर्मेट और उसके उदहारण | हम जानते है की ऐसे कई लोग होते है जिन्हे डायरी लिखने का बहुत शोक होता है, इसलिए उन लोगो की मदद के लिए इस आर्टिकल में डायरी लेखन Diary Writing के बारे अधिक जानकारी दी है|

इसके अलावा डायरी लेखन कैसे लिखते है परीक्षा में भी पूछा जाता है| इसलिए परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़े नीचे इसके उदहारण भी दिए गए है|

Diary Writing In Hindi | डायरी लेखन कैसे लिखे उदाहरण के साथ

आप जानते ही होंगे की कई महान विद्वान रोज रोज एक नयी डायरी लिखते थे, जैसे सबने कई बार महात्मा गाँधी जी की आत्मकथाएं पढ़ी| डायरी लेखन Diary Writing से आप भी अतीत को पढ़ सकते है, अगर आपके पास दुःख या दिल के बारे में कहने का साहस न हो| तो इसके बदले आप डायरी में लिख सकते है| अपने अच्छे काम और बुरे काम लिख सकते है|

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डायरी लेखन के प्रकार | Types of Diary Writing

डायरी लेखन Diary Writing लिखने के चार प्रकार है, डायरी लिखने का सब लोगो का अलग अलग तरीका होता है|

  • व्यक्तिगत डायरियाँ (Personal Diary Writing)
  • वास्तविक डायरियाँ (Real Diary Writing)
  • काल्पनिक डायरियाँ (Fictional Diary Writing)
  • साहित्यिक डायरियाँ (Literary Diary Writing)

डायरी लिखने का उद्देश्य | Purpose of Writing Diary

1. जो व्यक्ति अपनी बात दूसरे को ना समझा पाता हो, वह डायरी लिख लेता है| क्यूंकि डायरी ही एक सच्चे मित्र की तरह होती है, जिसमे हम सब बात लिख सखे अपना दुःख, अपनी ख़ुशी आदि बहुत कुछ|

2. हम जब डायरी लिखते है तो हम उसमे खो जाते है, जैसे किसी फोटो को देख कर वो समय याद आता है| उस पल किया हुआ था वैसे ही डायरी में लिखे वो पल याद आ जाते है|

3. कुछ लोग प्रसिद्ध महान व्यक्तियों पर डायरी लिखते है, जिसे पढ़ कर हम इतिहास को जान लेते है समझ लेते है| और ऐसे ही लिखी गयी डायरिया आत्मकथा बन जाती है|

4. डायरी लिखना कोई गलत काम नहीं है, उसे लिखना चाहिए अपने अनुभव को लिखना चाहिए कब क्या करा हमने| हमारी कुछ खट्टी मीठी यादे लिखना| अपने दोस्त के बारे में लिखना बहुत कुछ जो लिख कर अपना मन खुश होता है|

डायरी लेखन के उदाहरण

परीक्षा में प्रथम अंक लाने पर जो मेरी खुशी है।

लखनऊ
08 मार्च, 20XX, शुक्रवार
रात्रि 11: 30 बजे
आज में बहुत ज़्यदा खुश हूँ, क्यूंकि आज बहुत समय बाद मेरी इच्छा पूरी हो गयी है| आज मेरी अध्यापिका ने सबके सामने मेरे परीक्षा परिणाम की घोषणा की थी| उस समय मुझे अपनी कानो पर विशवास नहीं हुआ था, क्यूंकि पूरी क्लास में में ही प्रथम आयी थी| और मेरी अध्यापिका ने सभी के सामने मेरी प्रशंसा की सबको यही कहा की इसके जैसे सभी अच्छे अंक लाओ|

साथ ही मेरे दोस्तों ने भी मेरी खूब तारीफ की मुझे शुभकामनाएँ दी थी| फिर घर आने के बाद मेने अपने माता-पिता जी और दादा-दादी जी सबको बताया और अपना परिणाम उनको दिखाया वह भी बहुत खुश हुए और बहुत सारा प्यार दिया उन्होंने और साथ ही ना जाने कितने सारे आशीर्वाद भी दिए|

सुरेश,

अच्छे दोस्त के चले जाने के बाद का दुःख हुआ| 

मुंबई
08 जुलाई, 20XX, शुक्रवार
रात्रि 10: 30 बजे
आज में बहुत ज़्यदा उदास हूँ क्यूंकि मेरे बचपन का दोस्त रमेश जिसके साथ में बचपन से रहा हूँ, आज वो मुंबई छोड़कर दिल्ली चला गया है| शाम को वो मुझसे मिलने मेरे घर आया था, और रमेश भी बहुत दुखी था| उसके साथ खूब मस्ती की है, साथ स्कूल जाया करते थे और खाना भी साथ में खाते थे|

लकिन अब वो मुझे छोड़कर जा रहा है क्यूंकि उसके पापा का ट्रांसफर होगया वहा| लकिन उसने मुझसे वादा करा है की वह फ़ोन और पत्रों द्वारा मुझसे संपर्क में रहेगा| में ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ, की वो हमेशा खुश रहे और दूर जाने के बाद भी हमारी मित्रता खत्म न हो|

अमन,

पहली रेलयात्रा के अनुभव को डायरी में लिखिए।

गुजरात
12 मई, 20XX, शुक्रवार
रात्रि 8: 30 बजे
आज में बहुत खुश हूँ, क्यूंकि आज में अपनी नानी के घर आयी हूँ और मेरी नानी दिल्ली में रहती है| लकिन में सबसे ज़्यदा खुश इसलिए हूँ क्यूंकि मैंने पहली बार ट्रैन में सफर करा| रेलयात्रा का अनुभव इतना अच्छा रहा था| में ट्रैन मै खिड़की वाली सीट पर बैठी थी और वहा से इतने सुन्दर सुन्दर नज़ारे दिख रहे थे| खेत, बगीचे और हिरन भी देखे|

जब मेरी ट्रैन गुफा से निकली तो अँधेरा छा गया था बिलकुल| और जब कोई स्टेशन आता था तो कोई न कोई चीज बेचने आता था या चाय बेचने| मैंने ट्रैन में भेलपुरी खायी थी जो की बहुत अच्छी थी| ट्रैन में अपने भाई बहनो के बहुत मजे करे| मन करता है की में बार बार ट्रैन में घुमु| इस रेलयात्रा में मुझे बहुत अच्छा लगा यह यात्रा मुझे हमेशा याद रहेगी|

कविता,

चिड़िया घर के मनोरंजक अनुभव को डायरी में लिखिए।

दिल्ली
12 अप्रैल, 20XX, रविवार
रात्रि 9: 30 बजेआज में बहुत खुश हूँ, क्यूंकि आज में अपने परिवार के साथ चिड़िया घर घूमने गयी थी| में वहा आज पहली बार गयी हूँ, उससे पहले बस मैंने सुना था की चिड़िया घर केसा होता है और कौन-कौन से जानवर है वहा| आज मेरे पापा मुझे वहा लेके गए पहले तो उन्होंने अंदर जाने के लिए टिकट ली सबकी फिर हम अंदर गए और वहा बहुत सारे लोग आये हुए थे|

सबसे पहले मैंने बतक को देखा फिर बंदरो को देखा और एक बन्दर तो आकर मेरे हाथ से केला लेके भाग गया था| उसके बाद मैंने सांप भी देखे और शेर भी| वह जगह बहुत सुन्दर थी बहुत सारे जानवर थे, मैंने तोते भी देखे बहुत सुन्दर थे| चिड़िया घर घूमने की बहुत इच्छा थी और आज मेरे पापा ने वो इच्छा पूरी कर दी में बहुत खुश हूँ| आज का दिन मुझे हमेशा याद रहेगा|

रीना,

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