Vachya In Hindi | वाच्य किसे कहते है, वाच्य के भेद

वाच्य किसे कहते है? | Vachya kise kahte hai

वाच्य (Vachya), वाक्य में क्रिया के रूप में प्रदर्शित होने वाले शब्दों को कहते हैं। हिंदी व्याकरण में, क्रिया को दर्शाने वाले शब्द वाच्य कहलाते हैं। इनमें क्रियाओं की विभिन्न रूपांतरण, काल, पुरुष, वचन आदि के अनुसार परिवर्तन हो सकता है। वाच्य (Vachya) की विभिन्न प्रकार हो सकते हैं, जैसे कर्तरी वाच्य, कर्मणी वाच्य, भाववाच्य, आदि। वाच्य की पहचान करने के लिए वाक्य में किस क्रिया को किस रूप में प्रकट किया गया है, उसे जानना महत्वपूर्ण होता है।

वाच्य के भेद | Vachya Ke Bhed

वाच्य Vachya के विभिन्न भेद होते हैं। यहां कुछ प्रमुख वाच्य भेदों का उल्लेख किया गया है:

  • कर्तरी वाच्य: इसमें क्रिया का कर्ता या करने वाला व्यक्ति प्रमुख होता है। उदाहरण के लिए: राम खेल रहा है। यहां “खेल रहा है” कर्तरी वाच्य है, जहां राम क्रिया करने वाला है।
  • कर्मणी वाच्य: इसमें क्रिया का प्राप्य या क्रिया के प्रभाव में प्रमुख होने वाला व्यक्ति प्रमुख होता है। उदाहरण के लिए: रामने पुस्तक पढ़ी। यहां “पढ़ी” कर्मणी वाच्य है, जहां पुस्तक राम द्वारा पढ़ी जाती है।
  • भाववाच्य: इसमें क्रिया का भाव, मन, आदि प्रमुख होता है। उदाहरण के लिए: मैं खुश हूँ। यहां “खुश हूँ” भाववाच्य है, जहां व्यक्ति अपने भाव को व्यक्त कर रहा है।
  • सहायक वाच्य: इसमें मुख्य क्रिया के साथ एक सहायक क्रिया होती है, जो क्रिया की पूर्व या उपयुक्तता को दर्शाती है। उदाहरण के लिए: उठकर चल पड़ा। यहां “चल पड़ा” सहायक वाच्य है, जहां “उठकर” सहायक क्रिया है और “चल पड़ा” मुख्य क्रिया है।

ये कुछ मुख्य वाच्य Vachya भेद हैं, हालांकि हिंदी व्याकरण में इसके अलावा भी अन्य भेद हो सकते हैं, जो क्रिया के अनुसार परिवर्तन करते हैं।

कर्तरी वाच्य

कर्तरी वाच्य (Kartari Vachya) हिंदी वाक्य में उस वाच्य को कहते हैं जिसमें क्रिया का कर्ता या क्रिया करने वाला व्यक्ति प्रमुख होता है। कर्तरी वाच्य वाक्य में क्रिया के सम्बंध में व्याप्ति, आवश्यकता, समय, प्रकार, परिवर्तन, आदि को दर्शाता है।

यहां कुछ उदाहरण कर्तरी वाच्य के दिए गए हैं:

  • राम खेल रहा है।
  • मोहन गाना गा रहा है।
  • वह पुस्तक पढ़ रही है।
  • अनिल बाजार जा रहा है।
  • चाय पी रहे हैं।

इन वाक्यों में “खेल रहा है”, “गाना गा रहा है”, “पढ़ रही है”, “जा रहा है”, “पी रहे हैं” इत्यादि कर्तरी वाच्य हैं, क्योंकि यहां क्रिया का कर्ता या क्रिया करने वाला व्यक्ति (राम, मोहन, वह, अनिल, वे) प्रमुख है।

कर्मणी वाच्य

कर्मणी वाच्य (Karmani Vachya) हिंदी वाक्य में उस वाच्य को कहते हैं जिसमें क्रिया का प्राप्य या क्रिया के प्रभाव में प्रमुख होने वाला व्यक्ति प्रमुख होता है। कर्मणी वाच्य वाक्य में क्रिया के विषय में व्याप्ति, आवश्यकता, समय, प्रकार, परिवर्तन, आदि को दर्शाता है।

यहां कुछ उदाहरण कर्मणी वाच्य के दिए गए हैं:

  • पुस्तक रामने पढ़ी।
  • गीता को मोहन ने लिखा।
  • बालक ने दौड़ते हुए प्रदर्शन किया।
  • मुझे दोस्त ने बुलाया।
  • फल बच्चे ने तोड़े।

इन वाक्यों में “रामने पढ़ी”, “मोहन ने लिखा”, “दौड़ते हुए प्रदर्शन किया”, “मुझे दोस्त ने बुलाया”, “बच्चे ने तोड़े” इत्यादि कर्मणी वाच्य हैं, क्योंकि यहां क्रिया का प्राप्य व्यक्ति (पुस्तक, गीता, बालक, दोस्त, बच्चे) प्रमुख है।

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भाववाच्य

भाववाच्य (Bhavvachya) हिंदी वाक्य में उस वाच्य को कहते हैं जिसमें क्रिया का भाव, मन, आदि प्रमुख होता है। भाववाच्य वाक्य में क्रिया के भाव, भावना, मनोभाव, अनुभूति, इच्छा, भावुकता, आदि को दर्शाता है।

यहां कुछ उदाहरण भाववाच्य के दिए गए हैं:

  • मैं खुश हूँ।
  • वह उदास है।
  • हमें भूख लगी है।
  • मुझे डर लग रहा है।
  • उसे आनंद हो रहा है।

इन वाक्यों में “खुश हूँ”, “उदास है”, “भूख लगी है”, “डर लग रहा है”, “आनंद हो रहा है” इत्यादि भाववाच्य हैं, क्योंकि यहां क्रिया का भाव या मनोभाव (खुशी, उदासी, भूख, डर, आनंद) प्रमुख है। इन वाक्यों से व्यक्ति के भाव या भावनाओं को व्यक्त किया जाता है।

सहायक वाच्य

सहायक वाच्य (Sahayak Vachya) हिंदी वाक्य में उस वाच्य को कहते हैं जिसमें मुख्य क्रिया के साथ एक सहायक क्रिया होती है, जो क्रिया की पूर्व या उपयुक्तता को दर्शाती है। सहायक वाच्य वाक्य में क्रिया की पूर्व/उपयुक्त क्रिया, अवस्था, दिशा, संख्या, योग्यता, आदि को दर्शाता है।

यहां कुछ उदाहरण सहायक वाच्य के दिए गए हैं:

  • उठकर चल पड़ा।
  • सोकर खाना खाया।
  • बैठकर पढ़ रहा है।
  • लेटकर टीवी देख रहे हैं।
  • धीरे-धीरे चलो।

इन वाक्यों में “चल पड़ा”, “खाना खाया”, “पढ़ रहा है”, “टीवी देख रहे हैं”, “चलो” इत्यादि सहायक वाच्य हैं, क्योंकि इनमें मुख्य क्रिया के साथ सहायक क्रिया (उठना, सोना, बैठना, लेटना, चलना) दिखाई गई है, जो क्रिया को पूर्व/उपयुक्त करती है। सहायक क्रिया आमतौर पर मुख्य क्रिया की संख्या, अवस्था, दिशा, योग्यता आदि को व्यक्त करती है।

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