Lokoktiyan in Hindi | लोकोक्तियाँ किसे कहते हैं? अंतर, विशेषताएं, लोकोक्तियाँ एवं कहावतें

लोकोक्तियाँ किसे कहते हैं? | Lokoktiyan kise kahte hai

लोकोक्तियाँ (Lokoktiyan) एक प्रकार की कहावतें होती हैं जो जनसाधारण द्वारा बोली जाती हैं। ये कथनात्मक वाक्यांश होते हैं जो सामान्यतः सत्यता या अनुभव पर आधारित होते हैं। लोकोक्तियाँ अक्सर सामाजिक, सांस्कृतिक या ऐतिहासिक संदर्भों में प्रयुक्त होती हैं और साधारण ज्ञान, अनुभव या सामान्य जीवन के तत्वों को संक्षेप में व्यक्त करती हैं। ये वाक्यांश आमतौर पर स्वरों के साथ औरती हैं और उन्हें अवधारणापूर्वक प्रयोग किया जाता है। लोकोक्तियों का उदाहरण देने के लिए, “जैसा देश, वैसा भेश” और “अंधों में काना राजा” आमतौर पर सुनी जाती हैं। लोकोक्तियाँ (Lokoktiyan) साहित्यिक रचनाओं, वार्तालापिका, और लोगों के बोलचाल में भी प्रयोग की जाती हैं।

मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर | Muhavare Or Lokoktiyan Me Antar

मुहावरे और लोकोक्तियों में निम्नलिखित अंतर होता है:

  • मानवीयता: लोकोक्तियाँ आमतौर पर मानवीय अनुभव, सामाजिक सचेतनता और अनुभूति को व्यक्त करती हैं। मुहावरे, व्यापारिक या भाषिक चतुराई को दर्शाते हैं और उनका प्रयोग बड़े उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए होता है।
  • अर्थ: लोकोक्तियाँ सामान्यतः एक स्पष्ट अर्थ रखती हैं और उन्हें सीधे रूप से समझा जा सकता है। मुहावरे विशेष अर्थ प्रदान करते हैं और उनका नकारात्मक या अनुभावित अर्थ समझना कठिन हो सकता है।
  • वाक्य रचना: लोकोक्तियाँ आमतौर पर वाक्य के रूप में प्रयोग की जाती हैं और पूरे वाक्य का भाग होती हैं। मुहावरे अक्सर शब्दों या शब्दसमूहों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं और पूरे वाक्य का भाग नहीं होते हैं।
  • उदाहरण: लोकोक्तियाँ सामान्यतः व्यापक और सामान्य जीवन के तत्वों को छूने के लिए प्रयुक्त होती हैं। मुहावरे अक्सर विशिष्ट परिस्थितियों या अवसरों को संकेतित करने के लिए प्रयुक्त होते हैं।

यद्यपि मुहावरे और लोकोक्तियाँ अलग-अलग होती हैं, लेकिन वे दोनों भाषा के साहित्यिक और सामाजिक अंग के रूप में महत्वपूर्ण हैं और संवाद, कथा, और लेखन में उपयोगी साधन हैं।

लोकोक्ति की विशेषताएं | Lokoktiyan ki visheshtay

लोकोक्तियों की कुछ मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हो सकती हैं:

  • संक्षेप में व्यक्तित्व: लोकोक्तियाँ संक्षेप में व्यक्तित्व को व्यक्त करती हैं। एक छोटे वाक्यांश में ही ये अनुभूति, सत्यता, अनुभव या सामान्यताएं दिखा सकती हैं।
  • जनसाधारण के साथ संबंध: लोकोक्तियाँ आमतौर पर जनसाधारण द्वारा बोली जाती हैं और सामान्य जीवन की समस्याओं, अनुभवों और संदर्भों से जुड़ी होती हैं। इसलिए, इन्हें सामाजिक साझा की जाने वाली ज्ञानवर्धक और मनोरंजक माना जाता है।
  • निरंतरता: लोकोक्तियाँ अक्सर पीढ़ी से पीढ़ी तक साथ चली आती हैं। इनकी निरंतर व्याप्ति इसका प्रमाण है कि ये वाक्यांश वक्त की परिणति को भलीभांति पकड़ते हैं और लोगों की सोच और भाषा के विकास का पता लगाने में मदद करती हैं।
  • रूपांतरणशीलता: लोकोक्तियाँ समय के साथ रूपांतरित हो सकती हैं। वे अक्सर भाषा के रंगबिरंगे और स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं और अलग-अलग भाषाओं और क्षेत्रों में व्याप्त हो सकती हैं।
  • अभिव्यक्ति की सरलता: लोकोक्तियाँ साधारणतया सरल और सुंदर भाषा में व्यक्त होती हैं। इन्हें समझना और याद करना आसान होता है, जो इन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं को आवश्यकतानुसार उपयोग में लाने के लिए अधिक परिपूर्णता प्रदान करता है।

लोकोक्तियाँ (Lokoktiyan) एक महत्वपूर्ण साहित्यिक और सांस्कृतिक संपत्ति हैं, जो समाज में संचार, समझदारी और विचार-विमर्श को प्रोत्साहित करती हैं।

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लोकोक्तियाँ एवं कहावतें | Lokoktiyan And Kahavate

लोकोक्तियाँ और कहावतें दोनों ही हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण अंग हैं। यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

लोकोक्तियाँ:

  • जैसा देश, वैसा भेश।
  • अंधों में काना राजा।
  • दूसरों पर अंगुली उठाने से चारों और उंगलियाँ घुमती हैं।
  • नींद में रहने वाले को खबर कैसी।
  • अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनाना।
  • जल में रहकर मगर से बैर ठीक नहीं।
  • जल बिना नई चादर नहीं।
  • बरखा के दिन नहाना।
  • जिसका काम उसी को साजे, और बाकी सब तो दिखावे।
  • आप भले तो जग भला।

कहावतें:

  • आप भले तो जग भला।
  • अन्धों में काना राजा।
  • जो गरजते हैं, वो बरसाते नहीं।
  • दूसरों पर अंगुली उठाने से चारों और उंगलियाँ घुमती हैं।
  • कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। (भगवद्गीता)
  • जहां चाह हो, वहां राह हो।
  • नेकी कर दरिया में डाल।
  • जैसे को तैसा।
  • आपकी भलाई में हमारी भलाई।
  • बदले में बदला।

ये सभी लोकोक्तियाँ और कहावतें (Lokoktiyan or kahavate)जीवन के विभिन्न पहलुओं, मानवीय समस्याओं, सामाजिक व्यवहार और जीवन के मूल्यों को संक्षेप में व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होती हैं। इन्हें लोग अपने वाक्यांशों और वार्तालापों में उपयोग करते हैं और इसके माध्यम से संवाद, सद्भाव, और ज्ञान को साझा करते हैं।

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