दुर्गा पूजा पर निबंध (Essay On Durga Puja In Hindi)2022

दुर्गा पूजा पर निबंध

प्रस्तावना

दुर्गा पूजा पर निबंध- यह एक हिन्दुओ का बहुत बड़ा त्योहार है। इस पूजा में देवी माता दुर्गा की आराधना की जाती है। यह त्योहार पुरे भारतवर्ष में धूम धाम से मनाई जाती है। यह पूजा एक परंपरागत पूजा का अवसर है जो की हमे पुनः भारतीय संस्कृति से जोड़ती है। दुर्गा पूजा में 10 दिनों तक माता दुर्गा की आराधना उनके भगतजन करते है। यह त्योहार हिन्दू धर्म द्वारा पुरे भारत में हर वर्ष की भांति मनाया जाता है। यह पूजा अक्सर पतझड़ के मौसम में मनाया जाता है। 

दुर्गा पूजा पर निबंध (Essay On Durga Puja In Hindi)2022

देवी दुर्गा पूजा क्यों की जाती है ?

देवी दुर्गा पूजा हमलोग इसलिए करते है की माता दुर्गा ने इस दिन महिषासूर नमक अशूर को वध किया था। जो की महिषासुर नमक असुर भगवन से वरदान पा के काफी शक्तिशाली बन चूका था उस दुष्ट असुर काफी घमंडी बन चूका था। रामायण के अनुशार ये बताया जा रहा है की आज ही के दिन भगवान राम ने दशानन रावण को वध किया था। जो की धर्म और अधर्म की युद्ध में धर्म की विजय हुई।

और पढ़ें : एक असहाय लड़के की कहानी के बारे में 

दुर्गा माता की पूजा नवरात में इसलिए की जाती है की इन दिनों में माता दुर्गा ने 10 दिनों के युद्ध के बाद रात्र को महिषासुर नमक अशूर को वध किया था माता के पास 10 हाथ और उन हाथो में भिन्न प्रकार के हथियार थे , इन हथियार से माता दुर्गा ने इस पापी अधर्मी राक्षस को वध किया। हमलोग देवी माता की पूजा इसलिए करते है देवी माता में आपार शक्ति शामिल है और वो हम सब को सध्बुद्धि देती है और वो हमारी मनोकामनाएं पूरी करती है। देवी माता इनदिनों अपने 9 रूपों में हमसभ को दर्शन देती है।

दुर्गा पूजा का उत्सव ।

दुर्गा पूजा का उत्सव हम सब अधर्म के ऊपर धर्म की विजय के रूप में मनाया जाता है। भगतजनो के द्वारा यह विश्वाश किया जाता था कि इस दिन देवी दुर्गा ने बैल सवारी असुर पर माता रानी ने विजय प्राप्त की थी। देवी दुर्गा को बर्ह्मा, विष्णु और महेश के द्वारा शक्तिरूपी माँ दुर्गा को अवतार दिया था। इन तीनो लोक के देवता ने शक्तिरूपी माता दुर्गा का जन्म महिषासूर को वध करने के लिए दिया था।

शक्तिरूपी माँ दुर्गा ने इस अधर्मी असुर से पूरी दुनिया को आज़ाद करने पृथ्वी पर अवतार ली थी। माता दुर्गा और असुर महिषासूर का 9 दिनों तक युद्ध चला अंततः अधर्मी राक्षस का अंत 10 दिन माता दुर्गा के हाथो से उस दुस्ट राक्षस का अंत हुआ। दुर्गा पूजा के त्योहार में सभी दर्शक और विदेशी पर्यटक दुर्गा पूजा के त्योहार में शामिल होते है माता दुर्गा पूजा की आशीर्वाद के लिए माता के अर्चना पूजा करते है। और वो माता से सुख और समर्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते है।

दुर्गा पूजा पर निबंध (Essay On Durga Puja In Hindi)2022

महिषासुर कोण था ?

महिषासुर हिन्दू धर्म के नाम पर एक कलंक राक्षस था, वो एक पराक्रमी, अधर्मी, राक्षस था। महिषासुर ब्रह्म-ऋषि कश्यप और दनु का पोता और रम्भ का पुत्र एवं माशीष का भाई था। उसे देवलोक और समस्त संसार में धोखेबाज़ के नाम से जाना जाता था, जो अपने वेश-भूषा को बदल कर लोगो को परेशान किया करता था।

अंततः महिषासुर की मृत्यु देवी पार्वती के हाथो हो गयी। असुर के मृत्यु के उपरांत माता दुर्गा को महिषासुरमर्दिनी (महिषासुर  को वध करने वाली ) नमक उपाधि के नाम से पुरे जग जानने लगा। नवरात्रि का त्योहार, महिषासुर और देवी दुर्गा के बीच हुई युद्ध को दर्शाता है, जिसका समापन विजयदशमी में होता है, जो हमसब महिषासुर के अंत के उपलक्ष्य में यह विजयदशमी उत्सब मानते है।

मां दुर्गा को प्रसन्न कैसे करें ?

माता दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए चंडी पाठ या दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाइये जो अति उत्तम और काफी सरल माध्यम है देवी माँ को प्रसन्न करने के लिए। इस पाठ को नियमानुसार करने से देवी मां अति प्रसन्न होती हैं। अगर आपके जीवन में परेशानी चल रही है तो मां दुर्गा के बीज मंत्र ऊं ह्रीं दुं दुर्गायै नम: मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।