दीपावली पर निबंध (Essay on Deepawali), Best Tips 2022

भूमिका-

दीपावली हिन्दुओ का प्रमुख त्योहारो में से एक है। दीपावली को दीप का त्योहार भी कहा जाता है त्योहार को धूम-धाम से मनाई जाती है। इस त्योहार को हम सब बड़ी उतसव के साथ मानते है इस दिन हम सब अपने-अपने घरो में दिया जलाते है। इन दिनों में हम सब दीपावली में पटाखों का विस्फ़ोर्ट करते है। दीपावली के दिन हम सब माता लक्ष्मी और भगवन गणेश की पूजा की जाती है। दीपावली का त्योहार भारत में एवं अन्य देशो में बहुत ही धूम-धाम से मनाई जाती है

कहा जाता है कि, इस दिन भगवान श्री राम रावण को पराजित कर के और अपना चौदह साल का बनवास काटकर अयोद्धया लोटे थे। इस ख़ुशी के कारण वह के सभी लोग दिये जलाये थे। तब से लेकर अब तक हर वर्ष इस दिन को दिवाली के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

यह त्योहार हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीनो में मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार आने से कुछ दिन पहले ही लोग इस त्योहार को मानाने कि तैयारी में लग जाते है। दीपावली के दिन  लोग अपने घर, दुकान, स्कूल, और दफ्तर को दुल्हन कि तरह सजाने में लग जाते है। रंग बिरंगे लाइट, दिये  और  मोमबत्ती से पूरा भारत जगमगा रहता है दीवाली का त्योहार करीब 5 दिनों का होता है यह खुशियों का त्योहार है। इस पर्व पे लोग नई कपडे खरीदते है। देवी लक्ष्मी जी एवं भगवान गणेश कि पूजा अर्चना कि जाती है। इस त्योहार लोग रंग बिरंगी मिठाई बनाते है। लोग अपने पड़ोसियों, दोस्तों, और रिश्तेदारों को मिठाईया और गिफ्ट देते है। 

दीपावली का त्योहार हमे एकता , प्यार और भाई चारो का हमे अमूल्य सन्देश देता है।

दीपावली पर निबंध (Essay on Deepawali), Best Tips 2022

दिवाली त्योहार कि विशेषता 

दीपावली मुख्यतः हिन्दू धर्म के लोगो के द्वारा मनाई जाती है। यह हिन्दुओ के बड़े त्योहारो में से एक माना जाता है। यह त्योहार भारतवर्ष के नागरिको के द्वारा धूम धाम से मनाया जाता है। हर वर्ष यह त्योहार कार्तिक माह को अक्टूबर या नवंबर में मनाई जाती है। दीपावली दीपो का त्यौहार है इस दिन पुरे भारत देश में लड़ियो, मोमबत्तियों और दीपो से घर सजाया रहता है।

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दीपावली का महत्त्व

दीपावली हिन्दुओ का विशेष कर मनाये जाने वाला उत्साजनक त्यौहार है, इस पर्व का महत्त्व अधर्म पर धर्म की विजय से है। यह त्यौहार सभी हिन्दू मानव के आस्था से जुड़ा है। इस त्यौहार  के मानव जीवन में काफी महत्त्व है –

दिवाली का सामाजिक महत्व

हमारे समाज में इस त्यौहार को मिल – जुल कर मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घर एवं मंदिरो में माता लक्ष्मी और गणेश जी का पाठ करते है। इस पर्व में हम सब एक दूसरे से मिलकर दीपावली की हार्दिक बधाई देते है। इस  त्यौहार  में अलग- अलग धर्म के लोग इस पर्व को आनंदपूर्वक मानते है।

इस त्यौहार में एक दूसरे के भेद भाव को भूल कर सामाजिक एवं आनंदपूर्वक त्यौहार  मानते है। इस त्यौहार में सामजिकता में एकता एवं अखंडता की दीपक प्रजलित होती है। इस प्रकार हमारे सामाजिकता में दीपावली का महत्त्व है। दीपावली के दिनों में हमारे गांव में 5 दिन पहले से हे दिवाली की तैयारी चलती है जैसे की हमारे यहाँ घरो की साफ – सफाई और घर की रंगाई की जाती है। इस प्रकार हमारे सामाजिकता में दीपावली का महत्त्व है।

दीपावली पर निबंध (Essay on Deepawali), Best Tips 2022

दिवाली का आर्थिक महत्व

इस पर्व में हम सब बाजार में दिवाली मानाने हेतु पूजन सामग्री खरीदते है घर में पूजा के गणेश जी और माता लक्ष्मी जी का मूर्ति खरीदते है। भगवन को मिठाई चढ़ाने के लिए बाज़ारो की दुकान से मिठाई खरीदते है और बच्चो के माता एवं पिता अपने बच्चे के लिए पठाखो खरीदते है और घरो में दीप जलने के लिए बाज़ारो से काफी साडी दीप खरीदते है। इन दिनों में पटाखा की खूब बिक्री होती है। दीपावली में हम सब नई नई वस्त्र खरीदते है और खुशिया मानाने के पठाखो का विस्फ़ोर्ट करते है। इस प्रकार हम दीपावली के आर्थिक महत्त्व को दर्शाते है।

दीपावली से जुडी कुछ मुख्य तथ्य-

  • दिवाली को दीपों एवं प्रकाश का त्यौहार माना जाता है।
  • यह सनातनधर्म का सबसे बड़ा एवं प्रमुख त्यौहार है।
  • यह  त्याहौर भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, नेपाल, त्रिनिनाद, मॉरिशस जैसे देशों में भी धूम धाम से मनाई जाती है।
  • दीपावली के दिनों में हिन्दू अपने माता लक्ष्मी और भगवन गणेश की पूजा करते है।
  • दिवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
  • यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक के रूप में मन जाता है।
  • पवित्र ग्रंथो के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम, लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके, चौदह वर्ष के वनवास को पूर्ण करके अयोध्या लौटे थे।
  • इस दिन सभी हिन्दू सनातन धर्म मिट्टी के दिये जलाते है।

दीपावली पर निबंध (Essay on Deepawali), Best Tips 2022

भारत के अलग-अलग राज्य में दीपावली मनाने के विभिन्न स्वरुप-

बंगाल उड़ीसा– राज्य में दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है की इस दिन माँ शक्ति के रूप में महाकाली का रूप धारण किया गया था। और इस दिन लक्ष्मी जी के पूजा करने के वजह यहाँ माँ काली की पूजा की जाती है।

पंजाब-राज्य में दीपावली को इस रूप में मनाया जाता है की इस दिन 1577 इसवीं पूर्व स्वर्ण मंदिर की नीव रखी गयी थी।

तमिलनाडु,आंध्र प्रदेश-राज्य में दिवाली को द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा याचना किया जाता है।

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विदेश में दिपावली का स्वरूप-

श्रीलंका यहाँ के लोग दिन प्रातः काल सुबह उठकर सबसे पहले तेल से स्नान करते है और पूजा करने के लिए मंदिरों में जाते है और दिवाली मनाने के लिए वहां विभिन्न प्रकार के  खेल का आयोजन किया जाता है।

मलेशिया-इस देश में इस दिन सरकारी छुट्टी किया जाता है ,क्योंकी यहाँ सबसे अधिक सनातन धर्म के लोग रहते है। दिवाली के दिन लोग अपने घरों में डीप जलाते है और पार्टी करते है और साथ ही इस पार्टी में मलेशिया के नागरिक को भी आमंत्रित करते है।

नेपाल – नेपाल में दिवाली के त्यौहार को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है यहाँ के लोग दिवाली के दिन कुत्तों को सम्मानित किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है और शाम के समय में वह के सभी घरों में दीपक जलाये जाते है।

अमेरिका-  यहाँ 4 लाख से भी अधिक भारतीय रहते यहाँ दीपावली के दिनों में दफ्तर एवं सरकारी कार्यालय बंद रहते है। अमेरिका के वाइट हाउस में 2003 में दीपावली मनाया गया था उस दिन से पुरे अमेरिकन लोग दीपावली पुरे धूम धाम से मानते है।

मॉरीशस – इस देश में 44% जनता भारतीय है जो की हिन्दू धर्म के सनातम धर्म से है, वहाँ पर हिन्दू संस्कृति बहुत बड़े स्तर पर मिलता है। यहाँ पर दीपावली के दिन अवकाश रहता है यहाँ के लोग काफी धूम धाम से दीपावली का पर्व मनाते है, इस देश में अधिकांश हिन्दू लोग रहने के वजह से यहाँ हिंदी भी बोली जाती है।

उपसंहार-
इस तयोहार से हमे हमेशा हमसब को यह प्रेणना मिलती है की हमे अंधकार जीवन से संगर्ष कर के उजला की और बढ़ने को अग्रसर रहना चाइये। क्युकी एक छोटे दीपक भी भरी अंधकार में जला दिया जाये तो उस अंधकार को उजाला में बदल देता है।

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