(When Was Zero Discovered)जीरो की खोज कब हुई और किसने की

जीरो(Zero) का गणित में योगदान

वर्तमान समय में गणित विषय के अंतर्गत 0 सबसे महत्वपूर्ण अंक है जानकारी के लिए बता दूं कि गणित में जीरो(Zero) के बिना गणित विषय का कल्पना भी नहीं किया जा सकता है क्या आप जानते हैं जीरो की खोज किसने की थी यदि आप इसके बारे में नहीं जानते हैं तो आज के इस आजकल आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है क्योंकि आज के इस लेख में हम समझने वाले हैं कि जीरो खोज कब और किसने की थी और जीरो से रिलेटेड सभी प्रकार की जानकारी आज के साथ कल में हम डिटेल डिटेल समझने वाले हैं।

गणित विषय में जीरो(Zero) का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है इसी जीरो के बारे में आज का यह लेख होने वाला है शून्य से जुड़ी लगभग सभी प्रकार की जानकारी आज की शादी कल में शेयर किया जाएगा अगर आप जीरो से रिलेटेड जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें चलिए बिना समझ आया कि यह समझते हैं जीरो की खोज कब और किसने की थी और इसका क्या महत्व है सभी जानकारी के बारे में।

जीरो(Zero) क्या है?

दरअसल आपको बता दूं कि जीरो(Zero) एक प्रकार का अंक है जो किसी भी संख्याओं को निरूपित करने के लिए उपयोग किया जाता है अभी के दौर में सभी स्थानीय मान पद्धतियों का अपरिहार्य प्रतीक जीरो है इसके अलावा यह एक संख्या भी है जीरो का उपयोग सभी रूपों में अत्यंत महत्वपूर्ण है पूर्ण को तथा वास्तविक संख्याओं के लिए यह योग का तक अवयव है गणित की दुनिया में जीरो का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है क्योंकि जीरो के बिना आज कोई भी संख्या संभव नहीं हो पाता इसीलिए गणित की दुनिया में जीरो का योगदान बहुत ही बेहतरीन रहा है।

जानकारी के लिए बता दूं कि जीरो(Zero) का गणित में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है जब हम किसी संख्या को 0 से गुणा करते हैं तो वह हमेशा जीरो ही प्राप्त होता है सुनने का प्रयोग स्थान धारक के रूप में भी किया जाता है ताकि आप अंक ठीक से लिख सके उदाहरण दहाई के अंक पर सुनने के बिना 502 गलती से 52 मान लिया जाएगा इसीलिए गणित की दुनिया में सुनने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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जीरो(Zero) की खोज किसने की थी

दरअसल आपको बता दूं कि गणित विषय में जीरो(Zero) का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है अब हम समझने वाले हैं कि जीरो का तो गणित के विषय में बहुत ज्यादा योगदान है लेकिन इस जीरो को आखिर किसने खोजा तो जानकारी के लिए बता दूं कि महान गणितज्ञ तथा खगोल विद्या चार आर्यभट्ट ने जीरो की खोज लगभग 5 वी सदी के अंतर्गत किया गया था। 

फिर 0 संख्या का इस्तेमाल किया गया था जैसे कि आपको पता होगा कि वह भारत के ही निवासी थे तो जीरो की खोज में आर्यभट्ट का भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है जानकारी के लिए बता दूं कि आर्यभट्ट ने भारत के तरफ से ही जीरो की खोज की थी जो कि भारत के लिए बहुत ही गौरव की बात है की पूरी दुनिया में जीरो को भारत के द्वारा ही दिया गया है।

जीरो(Zero) की खोज कितना महत्वपूर्ण है

दरअसल आपको बता दूं कि गणित की दुनिया में जीरो(Zero) का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है अगर आप जीरो की योग्यता के बारे में बात करना चाहते हैं तो नीचे के आर्टिकल में आप स्टेप बाय स्टेप समझ सकते हैं अगर आप जीरो के महत्वपूर्णंता आंकना चाहते हैं तो आप इसी से लगा सकते हैं कि अगर आपको बिना जीरो का इस्तेमाल किए एक सौ लिखना है तो दिखाइए कि इसे कैसे लिखा जा सकता है।

अब आप तो सुन खोजने की महत्व को समझ ही गए होंगे जानकारी के लिए बता दूं कि जब आप किसी संख्या को 0 से गुणा करते हैं तो वह संख्या शून्य हो जाता है जबकि उसी संख्या के आगे सुनने लगा दिया जाता है तो वह संख्या बहुत ज्यादा हो जाता है इसे भी आप यह समझ सकते हैं कि गणित की दुनिया में सुनने का कितना योगदान है जीरो के बिना गणित असंभव है।

जीरो(Zero) का इतिहास

दरअसल आपको बता दूं कि ब्रह्म गुप्त ने शून्य का आविष्कार करने से पहले 0 का उपयोग किया जा रहा था जानकारी के लिए बता दूं कि यह कई प्राचीन मंदिरों के पुरातत्व और ग्रंथों में देखा गया है शुरुआत में जीरो सिर्फ एक प्लेसहोल्डर था लेकिन बाद में जीरो का महत्व समझ में आया है क्योंकि जीरो(Zero) के बिना गणित तो संभव है ही नहीं साथी साथ विज्ञान का भी संभव होना मुश्किल हो जाता जानकारी के लिए बता दूं कि शून्य की अवधारणा काफी पुरानी है लेकिन यह भारत में पांचवी शताब्दी तक पूरी तरह विकसित हो चुकी थी।

मतगणना प्रणाली शुरू करने वाले पहले लोग सुमेरियन थे जानकारी के लिए बता दूं कि जीरो(Zero) को भारत में जीरो कहा जाता था जो कि संस्कृत का शब्द है शून्य की अवधारणा और इसकी परिभाषा सबसे पहले भारतीय गणितज्ञ वह में गुप्त ने 628 ईसवी में दी थी उसके बाद से ही भारत में जीरो(Zero) का विकास शुरू हो गया बाद में आठवीं शताब्दी में जीरो अरबोजी की सभ्यता तक पहुंच गया जहां से इसे अपना वर्तमान स्वरूप मिला अंत में यह यूरोप पहुंच गया और यूरोपीय गणना में सुनने का सुधार हुआ।

Zero का सबसे पहले उपयोग कब हुआ

भारत में 0 का विकास पांचवी शताब्दी में ही हो गया था वास्तव में भारतीय महाद्वीप में गणित में 0 का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है जानकारी के लिए बता दूं कि सुनने को सबसे पहली बार तीसरी या चौथी शताब्दी की बस खाली पांडुलिपि में दिखाएं दीया ऐसा कहा जाता है कि 1881 में एक किसान ने पेशावर में बस खाली के पास एक गांव में इस दस्तावेज पाठ की खुदाई कि जो कि वर्तमान समय में पाकिस्तान में है।

शून्य सम संख्या क्यों है?

दरअसल आपको बता दूं कि जीरो एक सम संख्या क्यों कि सम संख्या की मानक परिभाषा के अनुसार भी जीरो है जानकारी के लिए बता दूं कि सम संख्या उस संख्या को कहा जाता है जो कि 2 का पूर्ण गुणज है उदाहरण के लिए 10 एक सम संख्या है क्योंकि 5 × 2 = 10 है इसी प्रकार जीरो  भी दो का एक पूर्णांक गुणज है जिसे 0 × 2 के रूप में लिखा जा सकता है इसीलिए 0 एक सम संख्या है।

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