भारत का राष्ट्रीय पक्षी कौन सा है? | Bharat Ka Rashtriya Pakshi Kon Hai
Rashtriya Pakshi Mor Par Nibandh:- भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर (Peacock) है। मोर (Peacock) को भारत का राष्ट्रीय पक्षी बनाने का निर्णय भारतीय सरकार द्वारा लिया गया था। 1963 में, भारतीय संसद ने मोर को भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया।
मोर को भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व के प्रतीक के रूप में मान्यता मिली है। यह भारतीय संस्कृति में प्राचीनतम और प्रमुख पक्षी माना जाता है और इसकी खूबसूरती, अद्भुत पंखों की संरचना और विविधता के लिए प्रशंसा की जाती है। मोर के पंखों के रंगबिरंगे आकर्षण की वजह से, यह भारतीय वास्तुकला और हस्तशिल्प में भी एक प्रमुख मूल्यांकन बना हुआ है।
मोर को भारतीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय पक्षी घोषित करने का मुख्य कारण उसके महत्वपूर्ण संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता को प्रोत्साहित करना था। मोर की संख्या वास्तविकता में घट रही है और विभिन्न कारणों से यह जीवनकारी के खतरे में है। राष्ट्रीय पक्षी के रूप में, मोर को संरक्षण कार्यक्रमों में प्रमुखता दी जाती है और इसकी सुरक्षा, उसके संयंत्रों के प्रवास और बाघी आवासों के संरक्षण के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है।
मोर की विशेषताएं | Rashtriya Pakshi Mor Par Nibandh
मोर (Peacock) एक विशालकाय पक्षी है जो भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। इसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- पंखों की सुंदरता: मोर की पहचान उसके अद्वितीय पंखों से होती है। पुरुष मोर के पंख बड़े और धूमिल होते हैं जिनमें विविध रंगों की आभा दिखाई देती है। मोर की पंखों का नीला, हरा, पीला, बैंगनी और भूरा रंग पाया जाता है। प्रदर्शनी के समय, पंखों को बड़े प्रदर्शनी के रूप में खोलकर दिखाते हैं जिससे उसकी खूबसूरती और गर्व का प्रदर्शन किया जाता है।
- आकार और रंग: मोर का सामान्य आकार मध्यम से बड़ा होता है, पुरुषों की ऊंचाई लगभग 5 फीट तक हो सकती है। इसके शरीर की बेसरकारी नीली रंग की होती है जिस पर भूरे और सफेदी मिश्रित धाराएँ होती हैं। मोर के गर्दन पर विशिष्ट सदृश बढ़िया और सफेदी के उत्तेजक रंग के फण होते हैं।
- व्यवहार और आवास: मोर प्रमुख रूप से जंगलों, खेतों और खुले मैदानों में पाया जाता है। यह बियोम और शानदार बाघी आवासों की तलाश करता है जहां वह सुरक्षित रूप से रह सकता है।
- मूर्तिमान और कल्पना में महत्व: मोर भारतीय मिथोलॉजी, धार्मिक और सांस्कृतिक कथाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हिंदू धर्म में संयुक्त राष्ट्र का प्रतीक माना जाता है और उसकी प्रतिष्ठा और आदर्शता का प्रतीक भी है।
- सामाजिक व्यवहार: मोर एक सामाजिक पक्षी है और समूह में रहने को प्राथमिकता देता है। वे पूरे वर्ष एक समूह (मोर ट्राइब) में रहते हैं और संगठित ढंग से बागी आवासों को शेयर करते हैं।
ये विशेषताएं मोर को एक विशेष पक्षी बनाती हैं और इसे भारतीय पक्षी और संस्कृति का गर्व माना जाता है।
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राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध | Rashtriya Pakshi Mor Par Nibandh
Rashtriya Pakshi Mor Par Nibandh:- मोर (Peacock) भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। यह एक प्रशंसित पक्षी है जिसे अपने बहुमुखी पंखों और उच्च गर्व भरे व्यवहार के लिए पहचाना जाता है। मोर अपनी अद्वितीय सुंदरता, प्राचीनता, और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और लोगों के द्वारा अच्छी तरह से पहचाना जाता है।
मोर का आकार मध्यम से बड़ा होता है, पुरुषों की ऊंचाई लगभग 5 फीट तक हो सकती है। इसके पंखों की संरचना विशेषज्ञों को मोह लेती है। पुरुष मोर के पंख बड़े और धूमिल होते हैं जिनमें विविध रंगों की आभा दिखाई देती है। मोर के पंखों का नीला, हरा, पीला, बैंगनी और भूरा रंग पाया जाता है। जब मोर अपने पंख खोलता है, तो उसकी खूबसूरती और गर्व का प्रदर्शन किया जाता है।
मोर जंगलों, खेतों और खुले मैदानों में रहने की प्राथमिकता देता है। यह एक सामाजिक पक्षी है और एक समूह (मोर ट्राइब) में रहता है। यह संगठित ढंग से बागी आवासों को शेयर करता है और अपने विशेषताओं को प्रदर्शित करने के लिए भारी पंख खोलता है।
मोर भारतीय मिथोलॉजी, धर्मिक और सांस्कृतिक कथाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हिंदू धर्म में संयुक्त राष्ट्र का प्रतीक माना जाता है और इसकी प्रतिष्ठा और आदर्शता का प्रतीक भी है। मोर जीवनकारी, आदर्शता और भारतीय संस्कृति के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त करता है।
मोर को भारतीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया है। इसका उद्देश्य मोर की महत्वपूर्णता को प्रदर्शित करना और इसकी संरक्षण और संवर्धन की जागरूकता बढ़ाना है। मोर की संख्या वास्तविकता में घट रही है, इसलिए इसके संरक्षण और प्रशंसा का महत्व बढ़ गया है।
मोर भारत की समृद्ध संस्कृति और विविधताओं की प्रतीक है। इसकी सुंदरता, अद्भुत पंखों की संरचना और विविधता ने इसे वास्तुकला, हस्तशिल्प, फैशन और कला में भी प्रेरित किया है।
संक्षेप में कहें तो, मोर भारत का गर्व है। इसकी अद्वितीय सुंदरता, सामाजिक व्यवहार और विशेषताएं इसे एक महत्वपूर्ण पक्षी बनाती हैं और यह भारतीय पक्षी और संस्कृति का प्रतीक है।
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