Punrukti Prakash Alankar | पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार किसे कहते हैं परिभाषा, उदाहरण, अलंकार में अंतर 2023

पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार किसे कहते हैं | Punrukti Prakash Alankar Kya Hai

पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार (Punrukti Prakash Alankar) को अंग्रेजी में “Epiphora” या “Anaphora” के नाम से भी जाना जाता है। इस अलंकार में वाक्य में किसी शब्द, वाक्यांश या पंक्ति को दोहराया जाता है। यानी, किसी वाक्यांश को पुनर्लिखित करके प्रभाव बढ़ाया जाता है। इसका उदाहरण निम्नलिखित हो सकता है:

  • वह आयी, वह देखी, वह चली गई।
  • तुम मेरे दोस्त हो, तुम मेरे सहेली हो, तुम मेरी जिंदगी हो।

इस तरह की पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का उपयोग विभिन्न साहित्यिक और भाषाई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाता है, जैसे की कविताओं, गीतों, और भाषणों में।

पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की परिभाषा | Punrukti Prakash Alankar Ki Paribhasha

पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार की परिभाषा (Punrukti Prakash Alankar Ki Paribhasha) यह है कि इसमें एक शब्द, वाक्यांश या पंक्ति को विचारशीलता या प्रभावशीलता के लिए पुनर्लिखित किया जाता है। इसलिए, यह एक शब्द, वाक्यांश या पंक्ति की पुनर्मुद्रण के माध्यम से प्रभावशीलता को बढ़ाने वाला अलंकार है।

इस अलंकार के द्वारा विचारों और भावनाओं को प्रभावशीलता दी जाती है, क्योंकि पुनर्मुद्रण के माध्यम से एक शब्द या वाक्यांश को दोहराया जाता है, जिससे उसका महत्व और प्रभाव बढ़ जाता है। यह अलंकार कविताओं, गीतों, भाषणों और नाटकों में उपयोग होता है ताकि भावनाओं और विचारों को दर्शाने में प्रभावशीलता प्राप्त हो सके।

इसलिए, पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार एक साहित्यिक और भाषाई उपकरण है जिसका प्रयोग विभिन्न शैलियों में भाषा को सुंदर, प्रभावशाली और भावपूर्ण बनाने के लिए किया जाता है।

पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार के उदाहरण | Punrukti Prakash Alankar Ke Udhahran

यदि हम पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार (Punrukti Prakash Alankar) के कुछ उदाहरण देखें, तो निम्नलिखित सम्पल वाक्यांश उदाहरण दिए जा सकते हैं:

  • जीवन की दौड़ में तू दौड़, जीवन की दौड़ में हम दौड़।
  • तुम आओगे, तुम बनोगे, तुम जीतोगे।
  • अंधेरे में दिखा एक रोशनी, अंधेरे में दिखा उम्मीद।
  • वो आयी, वो चली गई, वो हमेशा याद रहेगी।
  • मैं रोता हूँ, तुम रोते हो, हम सब रोते हैं।

यहाँ प्रदर्शित वाक्यांशों में शब्दों, वाक्यांशों या पंक्तियों को दोहराया गया है, जिससे उनका महत्व और प्रभाव बढ़ जाता है। पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का उपयोग भाषा को प्रभावशाली और प्रभावपूर्ण बनाने के लिए किया जाता है।

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यमक अलंकार तथा पुनरुक्ति अलंकार में अंतर | Punrukti Prakash Alankar

यमक अलंकार और पुनरुक्ति अलंकार दोनों ही हिंदी साहित्य में प्रयुक्त अलंकार हैं, लेकिन उनके बीच में एक अंतर होता है। यमक अलंकार और पुनरुक्ति अलंकार दोनों में एक शब्द के द्वारा अर्थ की प्रतिष्ठा या प्रभाव बढ़ाया जाता है, लेकिन उनका प्रयोग और तरीका थोड़ा अलग होता है।

यमक अलंकार में, दो वाक्यांशों या पंक्तियों में एक ही शब्द का द्वंद्व रूप में प्रयोग होता है। इसका उदाहरण इस प्रकार हो सकता है:

विद्या की आधी रात रोशनी, रोशनी की आधी रात विद्या।

यहाँ, “रोशनी” शब्द का द्वंद्व रूप में प्रयोग किया गया है, जिससे इसका प्रभाव और महत्व बढ़ाता है। यमक अलंकार का प्रयोग शब्द-प्रयोग, शोभा और अद्भुतता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

वहीं, पुनरुक्ति अलंकार में एक शब्द, वाक्यांश या पंक्ति को दोहराया जाता है। इसका उदाहरण इस प्रकार हो सकता है:

वह आयी, वह देखी, वह चली गई।

यहाँ, “वह” शब्द को पुनर्लिखित करके इसका प्रभाव और महत्व बढ़ाया गया है। पुनरुक्ति अलंकार का प्रयोग भाषा को प्रभावशाली, भावपूर्ण और गहराई देने के लिए किया जाता है।

संक्षेप में कहें तो, यमक अलंकार द्वारा शब्द-प्रयोग को द्वंद्व रूप में प्रयोग किया जाता है, जबकि पुनरुक्ति अलंकार में शब्द, वाक्यांश या पंक्ति को पुनर्लिखित किया जाता है।

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