FASTag Kya Hai | फास्टैग क्या है और यह किस तरह काम करता है।

फास्टैग(FASTag) क्या है यह काम कैसे करता है

दरअसल आपको बता दूं कि टोल प्लाजा ऊपर टोल कलेक्शन सिस्टम से होने वाले परेशानियों का हल निकालना बेहद ही जरूरी होता है जिसके लिए राष्ट्रीय हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा भारत में इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू किया गया है इस इलेक्ट्रॉनिक टल कलेक्शन सिस्टम को फर्स्ट डे कहा जाता है।

जानकारी के लिए बता दूं कि इसकी शुरुआत भारत में 2014 में की गई थी जिसे धीरे-धीरे पूरे देश में टोल प्लाजाओं के रूप में शुरू कर दिया गया है फर्स्ट टेक(FASTag) प्लाजा ओके मदद से टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने में होने वाली कठिनाइयों का निवारण आसानी से हो सकता है जी हां अगर आप फर्स्ट टैग स्क्रीन से रिलेटेड जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं

तो इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक जरूर बने क्योंकि यह आर्टिकल फर्स्ट टाइम स्म से रिलेटेड सभी प्रकार की जानकारी प्रोवाइड करने वाली है चलिए बिना समझ आया कि यह समझते हैं आखिर फास्टट्रैक है क्या और यह किस तरह यूज़ किया जाता है अगर आप इससे लेटर जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को शुरू से आज तक जरूर पड़ेगा आपके लिए फायदेमंद साबित होने वाला है।

फास्टैग(FASTag) क्या है?

दरअसल आपको बता दूं कि फास्ट टैग(FASTag) इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन वाली एक तकनीक है इस तकनीक में राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले वाहनों को टैक्स देना पड़ता है यह टोल टैक्स वसूलने के लिए हाईवे पर जगह-जगह पर टोल प्लाजा बनाए जाते हैं लोगों द्वारा यहां पर टैक्स दिए जाते हैं।

अब इस टैक्स देने वाली सिस्टम को हटाकर ऑनलाइन सिस्टम ला दिया गया है जो कि टोल टैक्स के लिए बेहद ही आसान माध्यम है सरकार ने इसे ऑनलाइन कर दिया है जिसे फास्टैग सुविधा कहते हैं प्रत्येक चार पहिया वाहन चालकों को अपने वाहन के फास्टैग लगना होता है।

फर्स्ट टाइम लगवाने के लिए सबसे पहले वाहन धारक को रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है जिसके बाद इससे टोल प्लाजा पर उन्हें केस में भुगतान करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है यह ऑनलाइन ही ऑटोमेटिक हो जाता है।

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फास्टैग(FASTag) कार्य कैसे करता है

दरअसल आपको बता दूं कि फास्टैग बहुत बेहतरीन तरीका है टोल टैक्स लेने का जी हां जानकारी के लिए बता दूं कि वाहन के स्क्रीन में फास्ट टैग लगाया जाता है इसमें रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन लगा होता है जैसे कि आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के सामने आती है तो इसका सेंसर एक्टिव हो जाता है।

और आप जब फर्स्ट टाइम में अपना रजिस्ट्रेशन किए रहते हैं तो आपके अकाउंट से टोल प्लाजा पर लगा सेंसर शुल्क काट लेता है जिससे आप बिना रुके ही टोल प्लाजा को आसानी से भुगतान कर देते हैं वाहन में लगा यह टैग आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते हैं अपना कार्य शुरू कर देगा वही जब आपके फास्टैग अकाउंट की राशि खत्म हो जाएगी।

तो आपको उसे फिर से रिचार्ज करवाना पड़ता है जानकारी के लिए बता दूं कि फास्ट टैग की वैधता 5 वर्ष तक की होती है यानी कि 5 वर्ष हो जाने के बाद आपको फर्स्ट टैग को रिन्यू करना होगा यानी की गाड़ी में नया फास्टैग लगाना होगा हालांकि भारत के द्वारा इस तरह की व्यवस्था 2014 में शुरू की गई थी जो कि बेहद ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे बहुत सारे लाभ देखने को मिलने वाले हैं।

फास्टैग(FASTag) के फायदे

दरअसल आपको बता दूं कि फास्ट टैग से बहुत सारी फायदे देखने को मिल रही है चली जानते हैं फास्टैग से किस किस तरह के फायदे हुए हैं जो कि निम्न दिए गए हैं-

#1- लंबी लाइन एवं समय में कमी

दरअसल आपको बता दूं कि सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा में टोल टैक्स देने के कारण लगने वाले गाड़ियों की लंबी लाइन और खुले पैसे देने की समस्याओं को दूर कर दिया है फास्टैग के उपयोग से बिना समय जाया किए आसानी से आप टोल टैक्स जमा कर सकते हैं फास्टैग सिस्टम को देश के कई टोल प्लाजा पर शुरू किया गया है।

#2- पेट्रोल एवं डीजल में कमी

दरअसल आपको बता दूं कि फास्ट टैग(FASTag) आज आने के बाद आपके समय के साथ-साथ आपके पेट्रोल में भी बचत होगी इतना ही नहीं साल 2016-17 के बीच इसका इस्तेमाल करने वाले लोगों को सभी टोल भुगतानों पर 10% का कैशबैक भी मिला. वहीं 2017-2018 के बीच आपको 7.5 %, कैश बैक 2018-2019 के बीच 5 % कैश बैक और 2019-2020 तक 2.5 % कैश बैक मिला. ये कैश बैक एक सप्ताह के भीतर आपके फास्टैग खाते में आ जाता है।

#3- एसएमएस की होगी सुविधा

दरअसल आपको बता दूं कि फास्टैग(FASTag) बहुत सारी फैसिलिटी प्रोवाइड करती है जिसमें से एक जब आप किसी टोल प्लाजा के पास जाते हैं और वहां आपके फास्टैग से पैसे काटे जाते हैं और जितने पैसे काटे जाते हैं उसकी एसएमएस आपको आपके द्वारा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेज दिया जाता है आप उसकी जानकारी पूरी तरह देख सकते हैं।

#4- गांव के लोगों को खास सुविधा

दरअसल आपको बता दूं कि फास्ट टैग(FASTag) का फायदा गांव के लोगों को बहुत जायदा हुआ है जानकारी के लिए बता दूं कि टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर के आसपास जितने भी गांव हैं उनमें उपस्थित वाहन को 1 माह में मात्र ₹275 तक का ही भुगतान करना पड़ता है जो कि एक बार करना पड़ता है।

उसके बाद अपना आधार कार्ड दिखाकर इस तरह लाभ आसानी से उठा सकते हैं जानकारी के लिए बता दूं कि फास्ट टैग का उपयोग भारत के कुछ चुनिंदा शहरों में ही किया गया है इसके सफल होने के बाद सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा इसे जल्द ही देश के हर टोल प्लाजा में शुरू करने की कोशिश की जा रही है हालांकि यह कोशिश बहुत अच्छा साबित भी होगा।

भारत में कब शुरू हुआ फास्टैग(FASTag)

दरअसल आपको बता दूं कि फास्टैग(FASTag) टोल टैक्स देने वाली बेहद ही आसान है जिसकी शुरुआत भारत में सबसे पहले अहमदाबाद और मुंबई हाईवे के बीच 2014 में किया गया था जुलाई 2015 में से चेन्नई बेंगलुरु टोल प्लाजा पर भी शुरू किया गया था।

धीरे-धीरे इसे लगभग अभी तक देश के 332 टोल प्लाजा ऊपर इस सुविधा को प्रोवाइड कर दी गई है यानी इन टोल प्लाजा में आप फास्टैग के जरिए टोल टैक्स का भुगतान आसानी से कर सकते हैं।

जो कि वाहन चालक के लिए बेहद ही आसान होगा क्योंकि उन्हें किसी भी टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी जिससे उनके समय में भी बचत होगी साथ ही साथ उसके पेट्रोल काफी बचत हुआ क्योंकि अभी पेट्रोल भी बहुत ज्यादा महंगा है।

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