डॉ भीमराव अंबेडकर, इतिहास और महत्व
Ambedkar Jayanti 2023:- हेलो दोस्तों, आज हमने इस लेख में हमारे देश के क्रांतिकारी फ्रीडम फाइटर डॉ भीमराव अम्बेडकर के बारे में बताया है| डॉ भीमराव अम्बेडकर एक न्यायविद, अर्थशास्त्री और दलित नेता थे, जिन्होंने भारत के संविधान का प्रारूप तैयार करने वाली समिति का नेतृत्व किया था और स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में कार्य भी किया| देश के हर नागरिक के लिए सम-विधान का निर्माण करने वाले अंबेडकर का जीवन अपने आप में एक शिक्षा है| Ambedkar Jayanti
तो इस लेख में हम यही जानेंगे डॉ भीमराव अम्बेडकर का जीवन परिचय, उनका इतिहास और महत्व | और ऐसे ही हर साल अमेडकर जयंती Ambedkar Jayanti भी मनाई जाती है और इस साल भी 131st जयंती मनाई जाएगी| अकसर परीक्षाओ में ऐसे सवाल आजाते है की हमारे देश के क्रांतिकारियों के बारे में बताये आदि| में आशा करती हूँ की आप इस लेख को पूरा पढ़े |
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डॉ भीमराव अंबेडकर इतिहास
जैसा की हम सब जानते है, देश भर में सर साल 14 अप्रैल को डॉ भीमराव आंबेडकर जयंती मनाई जाती है| डॉ भीमराव आंबेडकर जिन्हे बाबा साहेब अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है, इनका जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था | भारत में उनकी कड़ी मेहनत और दिए गए योगदान को श्रंद्धांजलि देने के लिए हर साल 14 अप्रैल को जयंती मनाई जाती है |
डॉ अमेंडकर का पूरा जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा था, उन्होंने भारत की आज़ादी के बाद देश में संविधान का निर्माण किया था | भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया था, ताकि उन्हें अपने अधिकार प्राप्त हो जाए| Ambedkar Jayanti डॉ. भीमराव अंबेडकर एक राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, दार्शनिक, मानवविज्ञानी और समाज सुधारक थे, जिन्होंने जाति व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाकर दलित समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी।
डॉ. अंबेडकर शिक्षा के माध्यम से समाज के कमजोर, मजदूर और महिला वर्ग को सशक्त बनाना चाहते थे। इन्होंने देश में से छुआ छूत, जातिवाद को मिटाने के लिए बहुत से आन्दोलन किये और इन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों को दे दिया, दलित व पिछड़ी जाति के हक के लिए इन्होंने कड़ी मेहनत की थी |
भारत की आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरु के कैबिनेट में पहली बार अम्बेडकर जी को लॉ मिनिस्टर बनाया गया था| अपने अच्छे काम व देश के लिए बहुत कुछ करने के लिए अम्बेडकर जी को 1990 में देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था|
डॉ भीमराव अम्बेडकर द्वारा संविधान का गठन
डॉ भीमराव अम्बेडकर जी को संविधान गठन कमिटी का चेयरमैन बनाया गया था, उनको स्कॉलर व प्रख्यात विदिबेत्ता भी कहा गया| और अम्बेडकर जी ने देश की भिन्न भिन्न जातियों को एक दुसरे से जोड़ने के लिए एक पुलिया का काम किया, वे सबके सामान अधिकार की बात पर जोर देते थे |
अम्बेडकर जी के अनुसार अगर देश की अलग अलग जाति एक दुसरे से अपनी लड़ाई ख़त्म नहीं करेंगी, तो देश एकजुट कभी नहीं हो सकता| उन्होंने देश की आज़ादी के बाद संविधान लागू कराया जिनमे कई प्रकार के अधिकार नागरिको को प्रदान हुए, जाति, धर्म, आदि जैसे की अधिकार दिलवाये| उन्हें (father of indian constitution) भी कहा जाता है |
डॉ भीमराव अम्बेडकर का राजनैतिक सफ़र
1936 में डॉ अम्बेडकर जी ने स्वतंत्र मजदूर पार्टी का गठन किया था, 1937 के केन्द्रीय विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी को 15 सीट की जीत मिली| और अम्बेडकर जी ने अपनी इस पार्टी को आल इंडिया शीडयूल कास्ट पार्टी में बदल दिया, इस पार्टी के साथ वे 1946 में संविधान सभा के चुनाव में खड़े हुए, लेकिन उनकी इस पार्टी का चुनाव में बहुत ही ख़राब प्रदर्शन रहा था|
कांग्रेस और महात्मा गांधी ने अस्पृश्य लोगों को हरिजन नाम दिया, जिससे हर कोई उन्हें हरिजन कहने लगा, लेकिन अंबेडकर जी को यह बिल्कुल पसंद नहीं आया और उन्होंने उस बात का विरोध किया। उनका कहना था अछूते लोग भी हमारे समाज का एक हिस्सा है, वे भी बाकि लोगों की तरह नार्मल इन्सान है| Ambedkar Jayanti
अम्बेडकर जी को रक्षा सलाहकार समिति में रखा गया और वायसराय की कार्यकारी परिषद में उन्हें श्रम मंत्री बनाया गया। वे आजाद भारत के पहले लॉ मंत्री बने, दलित होने के बावजूद उनका मंत्री बनना उनके के लिए बहुत बड़ी उपाधि थी|
डॉ भीमराव अम्बेडकर की म्रत्यु एवं कारण
1954-55 के समय डॉ भीमराव अम्बेडकर जी अपनी सेहत से बहुत परेशान थे, उन्हें डायबटीज, आँखों में धुधलापन व कई तरह की अन्य बहुत सी बीमारियों ने घेर लिया था| 6 दिसम्बर 1956 को अपने घर दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस ली थी| उन्होंने अपने जीवन में बौध्य धर्म को मान लिया था, इसलिए उनका अंतिम संस्कार बौध्य धर्म की रीती अनुसार ही हुआ
अंबेडकर जयंती का महत्व
Ambedkar Jayanti अंबेडकर जयंती का महत्व इसलिए भी खास है क्योंकि यह जाति आधारित कट्टरता की ओर ध्यान आकर्षित करती है, जो आजादी के 75 साल बाद भी हमारे समाज में कायम है। Ambedkar Jayanti हम इस दिवस को मनाकर वंचितों के उत्थान में बाबासाहेब के योगदान को याद करते हैं।
उन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया जो जाति, धर्म, नस्ल या संस्कृति की परवाह किए बिना सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है।Ambedkar Jayanti अंबेडकर ने अछूतों के बुनियादी अधिकारों और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय संस्था बहिष्कृत हितकारिणी सभा का गठन किया, साथ ही दलितों को सार्वजनिक पेयजल आपूर्ति और हिंदू मंदिरों में प्रवेश करने का अधिकार प्रदान करने के लिए भी आंदोलन किया। Ambedkar Jayanti
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