संज्ञा किसे कहते हैं | Sangya Kise Kahte Hai
संज्ञा (Sangya In Hindi) वह शब्द होता है जिसका प्रयोग किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव, गुण, कार्यालय आदि के नाम या परिभाषा के रूप में किया जाता है। संज्ञा वाक्य का मुख्य भाग होती है और किसी वाक्य में क्रिया (वर्ब) या स्वामी की भूमिका का परिभाषित करती है। इसे व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि की पहचान करने या विशेषणों द्वारा बताने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण के लिए:-
लड़का, कुत्ता, किताब, फल, दिल्ली, खुशी, भारतीय, चलना, देखना आदि सभी इसी श्रेणी के उदाहरण हैं जो संज्ञा के रूप में प्रयोग हो सकते हैं।
संज्ञा भाषा के मुख्य भाग मानी जाती है और वाक्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
संज्ञा के उदाहरण | Sangya Ke Udhahran
यहां कुछ संज्ञा के उदाहरण हैं:
- लड़का (ladka) – boy
- कुत्ता (kutta) – dog
- किताब (kitab) – book
- फल (phal) – fruit
- दिल्ली (Delhi) – Delhi (a city in India)
- खुशी (khushi) – happiness
- भारतीय (Bharatiya) – Indian
- चलना (chalna) – walking
- देखना (dekhna) – to see
ये उदाहरण संज्ञा के अलग-अलग प्रकारों को दर्शाते हैं, जैसे पुरुषवाचक संज्ञा (masculine noun), पशुवाचक संज्ञा (animal noun), विशेषणवाचक संज्ञा (adjective noun), गुणवाचक संज्ञा (quality noun) आदि।
संज्ञा के भेद | Sangya Ke Bhed
संज्ञा के पांच भेद होते हैं।
- व्यक्तिवाचक संज्ञा – Vyakti Vachak Sangya
- जातिवाचक संज्ञा – Jativachak Sangya
- भाववाचक संज्ञा – Bhav vachak Sangya
- समूहवाचक संज्ञा – Samuh Vachak Sangya
- द्रव्यवाचक संज्ञा – Dravya Vachak Sangya
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
व्यक्तिवाचक संज्ञा (Personal Noun) उन संज्ञाओं को कहते हैं जो व्यक्तियों के नाम को दर्शाती हैं। ये संज्ञाएं व्यक्ति के नाम, उपनाम या परिचय शब्द के रूप में प्रयोग होती हैं। व्यक्तिवाचक संज्ञाएं व्यक्ति की पहचान कराने के लिए उपयोग होती हैं।
कुछ उदाहरण व्यक्तिवाचक संज्ञाओं के हैं:
- राम (Ram)
- सीता (Sita)
- मोहन (Mohan)
- रीता (Rita)
- अमित (Amit)
- जॉन (John)
इन संज्ञाओं का प्रयोग व्यक्ति के नाम के रूप में किया जाता है और उन्हें संज्ञा के रूप में जाना जाता है।
2. जातिवाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञा (Proper Noun) वह संज्ञा होती है जो किसी व्यक्ति, स्थान, संगठन, नगर, देश, इत्यादि के विशेष नाम को प्रदर्शित करती है। इन संज्ञाओं का पहला अक्षर सामान्यतः बड़ा लिखा जाता है। यह संज्ञाएं व्यक्तियों या स्थानों की व्यक्तिगत पहचान के रूप में प्रयोग होती हैं।
कुछ उदाहरण जातिवाचक संज्ञाओं के हैं:
- भारत (Bharat)
- लंदन (London)
- राजस्थान (Rajasthan)
- टाटा (Tata)
- मैकडॉनल्ड (McDonald’s)
- महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi)
इन संज्ञाओं का प्रयोग विशेष नाम के रूप में किया जाता है और उन्हें संज्ञा के रूप में जाना जाता है। ये संज्ञाएं व्यक्तियों या स्थानों की अद्वितीयता और पहचान को दर्शाती हैं।
3. भाववाचक संज्ञा
भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun) वे संज्ञाएं होती हैं जो अवाचक भाव या गुण को प्रदर्शित करती हैं। ये संज्ञाएं विचार, भावना, अभिप्रेत पदार्थ, गुण, कार्य, स्थिति, अनुभूति, योग्यता या अवस्था को बताती हैं। इन संज्ञाओं का प्रत्येक नाम एक भाववाचक गुण को दर्शाता है जो दृश्य या दर्शक के बाहर होता है।
कुछ उदाहरण भाववाचक संज्ञाओं के हैं:
- प्यार (pyaar) – love
- सद्भावना (sadbhavna) – empathy
- स्वतंत्रता (swatantrata) – freedom
- शांति (shaanti) – peace
- न्याय (nyaay) – justice
- सुख (sukh) – happiness
- आत्मविश्वास (aatmavishwaas) – self-confidence
- समृद्धि (samriddhi) – prosperity
- सहनशीलता (sahanashilta) – tolerance
ये संज्ञाएं अप्रत्यक्ष और अमूर्त होती हैं और मन, भावना और आदर्शों से जुड़ी होती हैं। भाववाचक संज्ञाएं व्यक्ति के अंतरंग भावों या अनुभवों को व्यक्त करने में मदद करती हैं।
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4. समूहवाचक संज्ञा
समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun) वे संज्ञाएं होती हैं जो समूह के सदस्यों को संकेतित करती हैं। ये संज्ञाएं एक संख्या या कई संख्या के समूह को संकेतित करने के लिए प्रयोग होती हैं। इन संज्ञाओं का प्रयोग अकेले व्यक्तियों के बजाय एक समूह को निर्दिष्ट करने में किया जाता है।
कुछ उदाहरण समूहवाचक संज्ञाओं के हैं:
- सेना (sena) – army
- दल (dal) – group
- टीम (team) – team
- गण (gan) – group
- परिवार (parivaar) – family
- छात्र (chaatra) – students
- समुदाय (samuday) – community
- मंडल (mandal) – circle
- समिति (samiti) – committee
ये संज्ञाएं संघ, समूह, जाति, परिवार, या किसी समूह के सदस्यों के समूह को दर्शाती हैं। ये संज्ञाएं उन लोगों को संकेतित करती हैं जो एक साथ एक विशेष समूह या संगठन का हिस्सा हैं।
5. द्रव्यवाचक संज्ञा
द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun) वह संज्ञा होती है जो किसी द्रव्य (वस्तु) को प्रदर्शित करती है। इन संज्ञाओं का प्रयोग विभिन्न पदार्थों और द्रव्यों के नाम के रूप में होता है। ये संज्ञाएं ऐसे पदार्थों को संकेत करती हैं जो भौतिक रूप में मौजूद होते हैं।
कुछ उदाहरण द्रव्यवाचक संज्ञाओं के हैं:
- पानी (paani) – water
- सोना (sona) – gold
- स्वर्ण (swarn) – gold
- रबर (rabar) – rubber
- पत्थर (patthar) – stone
- लोहा (loha) – iron
- लकड़ी (lakdi) – wood
- रुद्राक्ष (rudraksh) – rudraksha
- चांदी (chaandi) – silver
ये संज्ञाएं विभिन्न द्रव्यों या पदार्थों को संकेतित करती हैं जो हमारे आस-पास मौजूद होते हैं और भौतिक रूप में प्रकट होते हैं। इन संज्ञाओं का प्रयोग विशेष वस्त्र, आभूषण, उपकरण, या सामग्री को संकेतित करने में किया जाता है।
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