भारत में हर वर्ष के भांति की तरह 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है, जबकि पुरे दुनिया में हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है। भारतीय संविधान सभा में 14 सितम्बर 1949 को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिया गया था। जबकि भारतीय संविधान 8 महीने पहले बनाया गया था। भारतीय संविधान 26 जनवरी 2022 को बनाया गया था।
प्रस्तावना
हिंदी हमारी दिल की भाषा है जो कश्मीर से ले कर कन्या कुमारी तक, संसद से ले कर सड़कों तक और साहित्य से ले कर सिनेमाघर तक प्रचलित है। लेकिन आज के समय में हिंदी भाषा की बढ़ावा देने की वजह दूसरे भाषा की महत्त्व दे रहे है, लोग अपने भारतीय सभ्य एवं संस्कर्ति को भूल रहे है। इस हिंदी दिवस को 14 सितम्बर के रूम में मानते है।
दोस्तों क्या आप जानते है हम हिंदी दिवस क्यों मनाते है, चलिए में आपको बताता हूँ की हमलोग हिंदी दिवस क्यों मानते है। ” हिंदी हिन्दू हिंदुस्तान कहते है सभ सीना तान, पल भर के लिए सोचे इंसान रखते है हम इसका कितना धयान “, दोस्तों जैसीकि हम जानते है की हिंदी भारत में बोली जाने वाली सभी भाषा में से सर्वपरी है। आजादी मिलने के 2 वर्ष बाद संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को आधिकारिक राज्य भाषा का दर्ज़ा दिया गया था। इसी के याद में वर्ष 1953 से हर साल इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। दस्तो हर भारतीय नागरिक के लिए यह दिन बेहद ही खास महत्त्व है।
भारत विविधताओं से भरा देश है, यहाँ अलग – अलग धर्म वो अलग – अलग जातियों के लोग रहते है, अलग – अलग वेश भूषा खान पान एवं अलग-अलग संस्कृति के लोग रहते है। ये हिंदी भाषा ही है जो भारत में एकता का सूत्र पिरोती है। देश को एक रखने में हिंदी का बहुत बड़ा योगदान है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था। हिंदी ने हमे दुनिया भर में पहचान दिलाई है, हिंदी भाषा दुनिया में ही नहीं बल्कि पुरे देशो में भी हिंदी बोली जाती है। इंग्लिश और मंदारिन के बाद दुनिया में हिंदी बोली जानी वाली तीसरी भाषा बन चुकी है।
हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। समाज में आपसी बातचीत और संचार करने के लिए एक विशेष भाषा या बोली की जरुरत होती है। भाषा के माध्यम से ही समाज में एक दूसरे के विचार को आदान प्रदान करना संभव हुआ। हिंदी से हमारे समाज एवं देश का निर्माण हुआ हैं। हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा न सही लेकिन राज्य भाषा जरूर है। हमसभी देशवासिओ को हिंदी भाषा पर गर्व होना चाइये और हम सभी देशवाशियो को हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।
हिंदी दिवस का महत्व –
हिंदी हमारे देश के राजभाषा है और इसके सम्मान के उप्लक्ष हर वर्ष की तरह 14 सितम्बर को मनाया जाता है। हिंदी हमारे देश के राष्ट्र के राजभाषा ही नहीं बल्कि हमारे विचारो के सरलता से आदान प्रदान का एक सुगम माध्यम है हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर मै आप सब के सामने हिंदी के महत्व और उस पर बने संकट एवं उनके उपाय के बारे मै आपको बताने जा रहा हूँ। 14 सितम्बर 1949 को भारत के संविधान ने हिंदी को भारत की आधारिक भाषा के रूप मै स्वीकार किया था।
यह निर्णय भारत के संविधान द्वारा लिया गया। यह अनुछेद 343 के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखा है की हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। जैसा की हम सब जानते है की हिंदी भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओ में से एक है।hindi को जन-जन की भाषा माना गया है। हिंदी को बोलने लिखने और अपनाने में हमे गर्व होना चाहिए। लेकिन वर्त्तमान समय में हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते की हिंदी के ऊपर दिन-प्रतिदिन संकट गरहराता जा रहा है। लोग कहते है उनके बचे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़े और फर्राटेदार अंग्रेजी बोले।
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आचार्य चाणक्य का एक कथन है, जिसमे उह्नोने कहा था ” कोई राष्ट्र तबतक पराजित नहीं होता, जब तक वो अपने संस्कृति और मूल्यों की रक्षा कर पता है ” आज ऐसी स्थिति हो गयी है की हमारे अपने ही देश के लोग हिंदी विद्यालयों में अपने बच्चों को नामांकन करवाने में संकोच महसूस करते है। आज के समय में देश के अधिकतर माता-पिता चाहते है की उनका बेटा अच्छे से अंग्रेजी लिखने और बोलना सीखे, चाहे उसे हिंदी आये या न आये।
अतः हिंदी के उन्नति के लिए हम सब को मिलकर प्रयास करना चाहिए। हमें लोगो को यह बताना होगा कि आप अपने बच्चो को अंग्रेजी अवश्य सिखाये लेकिन अंग्रेजी दूसरी भाषा के रूप में सिखाये और प्राथमिक भाषा के रूप में हिंदी को सिखये। लोगो में यह गलत अवधारणा आ चुकी है कि यदि बच्चे हिंदी माध्यम से पढ़ेंगे तो वो कमजोर हो जायेंगे और जीवन में सफल नहीं हो पाएंगे,
ऐसे लोगो को हमे समझाना होगा, ज्ञान ग्रहण करने वाले कि क्षमता और एकग्रता पर निर्भर करता है न कि शिक्षा कि भाषा पर निर्भर करता है। इसके साथ ही सरकार को भी इस में प्रयास करते हुए अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में यह सूचित करना चाहिए की अंग्रेजी के साथ ही वो हिंदी को भी बराबरी का स्थान मिले।
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हिंदी भाषा के बारे में दिलचस्प बाते-
- हिंदी नाम फारसी शब्द हिंद से लिया गया है जिसका मतलब है कि सिंधु नदी का भूमि।
- हिंदी को पूरी तरह ध्वन्यात्मक लिपि में लिखा गया है। इस भाषा के शब्दों को ठीक उसी प्रकार उच्चारण किया जाता है जिस तरह वो लिखे गए हैं।
- दुनिया में हर ध्वनि हिंदी भाषा में आसानी से लिखी जा सकती है।
- हिंदी भाषा का प्रयोग सिर्फ भारत के व्यक्ति ही नहीं बल्कि दुनिया भर के अन्य देशों के व्यक्ति भी करते है जिनमें पाकिस्तान, फिजी, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं।
- हमारी हिंदी भाषा उन सात भाषाओं में से एक है जो वेब एड्रेस बनाने के लिए उपयोग की जाती हैं।
- हिंदी मूलतः भाषाओं के इंडो-यूरोपियन परिवार के इंडो-आर्यन भाषाओं के सदस्यों में से एक मन जाता है।
- इंडो-आर्यन भाषा के सन्दर्भ में भारत की संविधान सभा ने 1949 में नवगठित राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को मान्यता प्रदान की थी।
- हम हिंदी दिवस इसलिए मनाते हैं क्योंकि 2011 की जनगणना के अनुसार हम भारत में 43.6 प्रतिशत दर्शक द्वारा बोली जाने वाली भाषा के महत्व को स्वीकार करते हैं, जो हिंदी को मातृभाषा के रूप में पहचानते हैं।
- हिंदी भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। जो कि देश के लगभग 78% लोग हिंदी बोलते और समझते हैं।
- “हिंदी” मूल रूप से एक फारसी भाषा के शब्द से लिया गया है और पहली हिंदी कविता प्रख्यात कवि “अमीर खुसरो” द्वारा लिखी गई थी।
- आपको यह जानकर आश्चर्य चकित होगा कि हिंदी भाषा के इतिहास पर पहला साहित्य एक फ्रांसीसी लेखक “ग्रेसिम द तासी” द्वारा रचा गया था।
- 1977 में पहली बार विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा को हिंदी में संबोधित किया था।
- नमस्ते शब्द हिंदी भाषा में सबसे अधिक बार इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है।
- 1918 में हिंदी साहित्य सम्मेलन में महात्मा गांधी ने पहली बार हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने की बात की। गांधीजी ने हिंदी भाषा को जनता की भाषा राष्ट्र कि राज्य भाषा का दर्जा दिया गया।
- 26 जनवरी 1950 को संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी एवं देवनागरी लिपि के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
- 1977 में भारत के राष्ट्रपति पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में खड़े होकर हिंदी भाषा में सभी को संबोधित किया था।
हिंदी दिवस कैसे मनाते हैं
स्कूल और कॉलेज में हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर हम मानते है। अधिकांश स्कूल और कॉलेज में शिक्षक हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर कविता निबंध और पठान प्रतियोगिता का आयोजन करवाते है और छात्रों को इस में मिलजुल कर भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हिंदी दिवस पर प्रत्येक साल भारत के राष्ट्रपति दिल्ली में एक हिंदी भाषा के प्रति अपने योगदान के लिए लोगों को राजभाषा का पुरस्कार प्रदान करते हैं।
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